AsiaBusinessEnvironmentIndiaSouthern AsiaUnited Nations

केवल खुले में शौच से मुक्‍ति नहीं, व्‍यवहारिक बदलाव का कारण भी बना स्‍वच्‍छ भारत मिशन : शेखावत

– संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री
– प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश ने एक समय सीमा में स्वच्छ भारत मिशन को सफल बनाया
– 59 प्रतिशत ग्रामीण घरों में पहुंचने लगा नल से जल, वर्ष 2024 तक 100 प्रतिशत का लक्ष्य करेंगे हासिल

नई दिल्ली/न्यूयॉर्क 24 मार्च। संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन में केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने स्‍वच्‍छ भारत मिशन और जल जीवन मिशन की प्रगति के तथ्‍य पेश किए। उन्होंने कहा कि खुले में शौच मुक्‍त ही नहीं, बल्कि व्‍यवहारिक बदलाव का कारण भी स्‍वच्‍छ भारत मिशन बना है। सतत विकास के एजेंडे पर भारत तेजी से आगे बढ़ रहा है।

अपने संबोधन में केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि खुले में शौच के मामले में भारत की बहुत बड़ी आबादी आती थी। देश की केवल 39 प्रतिशत आबादी ऐसी थी, जिसके पास शौचालय की सुविधा उपलब्ध थी। 130 करोड़ से अधिक आबादी वाले भारत के लिए यह बड़ी चुनौती थी, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्‍व में भारत ने इस चुनौती को न केवल स्‍वीकारा, बल्कि एक समय-सीमा में स्‍वच्‍छ भारत मिशन को सफल बनाया।

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि प्रधानमंत्री जी ने जनभागीदारी के तहत इस एजेंडे पर काम किया और प्रत्‍येक नागरिक स्वच्छ भारत मिशन में जुटा। देश में 10.9 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण किया गया। यह न केवल निर्माण कार्य से जुड़ा मामला था, बल्कि एक बड़ा व्‍यवहारिक बदलाव भी था, जिसे लोग स्‍वीकार करने को तैयार नहीं थे, लेकिन प्रधानमंत्री के यशस्‍वी नेतृत्‍व ने इसे बड़े जनभागीदारी में बदलने में सफलता हासिल की।

शेखावत ने गेट फाउंडेशन और विश्‍व बैंक की स्‍टडी का जिक्र करते हुए कहा कि सैनिटेशन और स्‍वच्‍छ भारत मिशन के तहत के प्रत्‍येक घर के कुल खर्च में सालाना 50 हजार रुपए की कमी आई है। अगर इसे ग्रामीण भारत के प्रत्‍येक परिवार से जोड़कर देखें तो 400 प्रतिशत की कमी आई है, जो अपने-आप में बहुत बड़ी सफलता है। मिशन के जरिए जल जनित रोगों से ग्रसित होने वाले करोड़ों देशवासियों के जीवन को सुरक्षित करने में सफलता मिली है। उन्होंने बताया कि 600 से अधिक गांव ओडीएफ प्‍लस की श्रेणी में आ गए हैं, जिसके अंतर्गत इन गांवों में सॉलिड, वेस्‍ट और लिक्विड मैनजमेंट की सुविधा है, जबकि 2000 गांवों में पहले से ही यह सुविधा मौजूद है।

जल जीवन मिशन पर शेखावत ने कहा कि वर्ष 2019 तक भारत में 16 प्रतिशत आबादी के पास नल से जल की सुविधा थी, लेकिन अब कवरेज प्रतिशत 59 हो गया है। वर्ष 2024 तक 100 प्रतिशत कवरेज के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है। भारत न केवल 100 प्रतिशत ग्रामीण घरों में नल से जल से पहुंचाने को लेकर प्रतिबद्ध है, बल्कि जल की गुणवत्‍ता सुधारने को लेकर भी प्रतिबद्ध है, इसलिए देशभर में 2000 हजार लैब्रोरिटीज स्‍थापित की गई हैं। फील्ड टेस्टिंग किट तैयार की हैं, जो जल की क्‍वालिटी को पता लगाने में मददगार साबित हो रही हैं। ऐसी 80 लाख से अधिक टेस्‍ट इस प्रक्रिया के तहत किए जा चुके हैं। 20 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया है।

संयुक्त राष्ट्र जल सम्मेलन के दूसरे दिन केंद्रीय मंत्री शेखावत ने सिंगापुर के साथ द्विपक्षीय बैठक की। उन्होंने बताया कि सिंगापुर की पर्यावरण मंत्री ग्रेस फू हे यिन से सकारात्मक विमर्श हुआ। सिंगापुर की चक्रीय जल अर्थव्यवस्था और स्थायी प्रबंधन के बारे में विस्तार से वार्ता हुई। सिंगापुर का यह सिस्टम दुनिया भर में सराहा जाता है। निश्चित ही काफी कुछ नया जानने को मिला और मैंने भी उन्हें भारत की जल संरक्षण से जुड़ी नई नीतियों की जानकारी दी। शेखावत ने ब्रिटेन, कनाडा, विएतनाम के पर्यावरण मंत्रियों से भी मुलाकात कर क्लाइमेट चेंज पर चर्चा की।

Related posts